Sarvapitri Amavasya 2025: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का काफी विशेष महत्व माना गया है। यह समय पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने का पवित्र अवसर होता है। इस बार पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितम्बर 2025 से हो चुकी है और यह 21 सितम्बर 2025 को समाप्त होगा। पितृपक्ष का आखिरी दिन, जिसे सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं, विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
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