Religious Event : बालोद जिला मुख्यालय से तीन किमी पर स्थित ग्राम झलमला में देवी गंगा मैया का प्रसिद्ध मंदिर है। गंगा मैया के अवतरण और मंदिर स्थापना की कहानी अंग्रेजों के शासन से जुड़ी हुई है। मां गंगा मैया के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंदिर का स्वरूप भी हर साल बदलता जा रहा है। लगभग 135 साल पहले जिले की जीवन दायिनी तांदुला नदी की नहर का निर्माण चल रहा था। झलमला की आबादी मात्र 100 थी। सोमवार को वहां बड़ा साप्ताहिक बाजार लगता था। बाजार में दूर-दराज से पशुओं के झुंड के साथ बंजारे आया करते थे। पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण पानी की कमी महसूस की जाती थी। पानी के लिए बांधा तालाब की खुदाई कराई गई। गंगा मैया के प्रादुर्भाव की कहानी इसी तालाब से शुरू होती है।
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